وَاللَّيْلِ إِذَا يَسْرِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
साक्षी है रात जब वह विदा हो रही हो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और रात की जब आने लगे
Quran
89
:
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हिन्दी
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