أَمْ حَسِبْتُمْ أَنْ تُتْرَكُوا وَلَمَّا يَعْلَمِ اللَّهُ الَّذِينَ جَاهَدُوا مِنْكُمْ وَلَمْ يَتَّخِذُوا مِنْ دُونِ اللَّهِ وَلَا رَسُولِهِ وَلَا الْمُؤْمِنِينَ وَلِيجَةً ۚ وَاللَّهُ خَبِيرٌ بِمَا تَعْمَلُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
क्या तुमने यह समझ रखा है कि तुम ऐसे ही छोड़ दिए जाओगे, हालाँकि अल्लाह ने अभी उन लोगों को छाँटा ही नहीं, जिन्होंने तुममें से जिहाद किया और अल्लाह और उसके रसूल और मोमिनों को छोड़कर किसी को घनिष्ठ मित्र नहीं बनाया? तुम जो कुछ भी करते हो, अल्लाह उसकी ख़बर रखता है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
क्या तुमने ये समझ लिया है कि तुम (यूं ही) छोड़ दिए जाओगे और अभी तक तो ख़ुदा ने उन लोगों को मुमताज़ किया ही नहीं जो तुम में के (राहे ख़ुदा में) जिहाद करते हैं और ख़ुदा और उसके रसूल और मोमेनीन के सिवा किसी को अपना राज़दार दोस्त नहीं बनाते और जो कुछ भी तुम करते हो ख़ुदा उससे बाख़बर है
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