فَمَا يُكَذِّبُكَ بَعْدُ بِالدِّينِ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
अब इसके बाद क्या है, जो बदले के विषय में तुम्हें झुठलाए?
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
तो (ऐ रसूल) इन दलीलों के बाद तुमको (रोज़े) जज़ा के बारे में कौन झुठला सकता है
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