كَلَّا لَا تُطِعْهُ وَاسْجُدْ وَاقْتَرِبْ ۩
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
कदापि नहीं, उसकी बात न मानो और सजदे करते और क़रीब होते रहो
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और सजदे करते रहो और कुर्ब हासिल करो (19) (सजदा)
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