وَاسْتَفْزِزْ مَنِ اسْتَطَعْتَ مِنْهُمْ بِصَوْتِكَ وَأَجْلِبْ عَلَيْهِمْ بِخَيْلِكَ وَرَجِلِكَ وَشَارِكْهُمْ فِي الْأَمْوَالِ وَالْأَوْلَادِ وَعِدْهُمْ ۚ وَمَا يَعِدُهُمُ الشَّيْطَانُ إِلَّا غُرُورًا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
उनमें सो जिस किसी पर तेरा बस चले उसके क़दम अपनी आवाज़ से उखाड़ दे। और उनपर अपने सवार और अपने प्यादे (पैदल सेना) चढ़ा ला। और माल और सन्तान में भी उनके साथ साझा लगा। और उनसे वादे कर!" - किन्तु शैतान उनसे जो वादे करता है वह एक धोखे के सिवा और कुछ भी नहीं होता। -
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और इसमें से जिस पर अपनी (चिकनी चुपड़ी) बात से क़ाबू पा सके वहॉ और अपने (चेलों के लश्कर) सवार और पैदल (सब) से चढ़ाई कर और माल और औलाद में उनके साथ साझा करे और उनसे (खूब झूठे) वायदे कर और शैतान तो उनसे जो वायदे करता है धोखे के सिवा कुछ नहीं होता