وَاتْرُكِ الْبَحْرَ رَهْوًا ۖ إِنَّهُمْ جُنْدٌ مُغْرَقُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और सागर को स्थिर छोड़ दो। वे तो एक सेना दल हैं, डूब जानेवाले।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और दरिया को अपनी हालत पर ठहरा हुआ छोड़ कर (पार हो) जाओ (तुम्हारे बाद) उनका सारा लशकर डुबो दिया जाएगा
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