وَبُسَّتِ الْجِبَالُ بَسًّا
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
और पहाड़ टूटकर चूर्ण-विचुर्ण हो जाएँगे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और पहाड़ (टकरा कर) बिल्कुल चूर चूर हो जाएँगे
: