وَكَذَٰلِكَ نُوَلِّي بَعْضَ الظَّالِمِينَ بَعْضًا بِمَا كَانُوا يَكْسِبُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
इसी प्रकार हम अत्याचारियों को एक-दूसरे के लिए (नरक का) साथी बना देंगे, उस कमाई के कारण जो वे करते रहे थे
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और इसी तरह हम बाज़ ज़ालिमों को बाज़ का उनके करतूतों की बदौलत सरपरस्त बनाएँगे