وَكَذَٰلِكَ زَيَّنَ لِكَثِيرٍ مِنَ الْمُشْرِكِينَ قَتْلَ أَوْلَادِهِمْ شُرَكَاؤُهُمْ لِيُرْدُوهُمْ وَلِيَلْبِسُوا عَلَيْهِمْ دِينَهُمْ ۖ وَلَوْ شَاءَ اللَّهُ مَا فَعَلُوهُ ۖ فَذَرْهُمْ وَمَا يَفْتَرُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
इसी प्रकार बहुत-से बहुदेववादियों के लिए उनके लिए साझीदारों ने उनकी अपनी सन्तान की हत्या को सुहाना बना दिया है, ताकि उन्हें विनष्ट कर दें और उनके लिए उनके धर्म को संदिग्ध बना दें। यदि अल्लाह चाहता तो वे ऐसा न करते; तो छोड़ दो उन्हें और उनके झूठ घड़ने को
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
ताकि उन्हें (बदी) हलाकत में डाल दें और उनके सच्चे दीन को उन पर मिला जुला दें और अगर ख़ुदा चाहता तो लोग ऐसा काम न करते तो तुम (ऐ रसूल) और उनकी इफ़तेरा परदाज़ियों को (ख़ुदा पर) छोड़ दो और ये लोग अपने ख्याल के मुवाफिक कहने लगे कि ये चौपाए और ये खेती अछूती है
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