وَالَّذِينَ تَدْعُونَ مِنْ دُونِهِ لَا يَسْتَطِيعُونَ نَصْرَكُمْ وَلَا أَنْفُسَهُمْ يَنْصُرُونَ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
रहे वे जिन्हें तुम उसको छोड़कर पुकारते हो, वे तो तुम्हारी, सहायता करने की सामर्थ्य रखते है और न स्वयं अपनी ही सहायता कर सकते है
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
और वह लोग (बुत) जिन्हें तुम ख़ुदा के सिवा (अपनी मदद को) पुकारते हो न तो वह तुम्हारी मदद की कुदरत रखते हैं और न ही अपनी मदद कर सकते हैं
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