لَقَدْ أَرْسَلْنَا نُوحًا إِلَىٰ قَوْمِهِ فَقَالَ يَا قَوْمِ اعْبُدُوا اللَّهَ مَا لَكُمْ مِنْ إِلَٰهٍ غَيْرُهُ إِنِّي أَخَافُ عَلَيْكُمْ عَذَابَ يَوْمٍ عَظِيمٍ
फ़ारूक़ ख़ान & अहमद
हमने नूह को उसकी क़ौम के लोगों की ओर भेजा, तो उसने कहा, "ऐ मेरी क़ौम के लोगो! अल्लाह की बन्दगी करो। उसके अतिरिक्त तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। मैं तुम्हारे लिए एक बड़े दिन का यातना से डरता हूँ।"
फ़ारूक़ ख़ान & नदवी
हम यू अपनी आयतों को उलेटफेर कर शुक्रग़ुजार लोगों के वास्ते बयान करते हैं बेशक हमने नूह को उनकी क़ौम के पास (रसूल बनाकर) भेजा तो उन्होनें (लोगों से ) कहाकि ऐ मेरी क़ौम ख़ुदा की ही इबादत करो उसके सिवा तुम्हारा कोई माबूद नहीं है और मैं तुम्हारी निस्बत (क़यामत जैसे) बड़े ख़ौफनाक दिन के अज़ाब से डरता हूँ
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